आज हर दिल धड़क रहा है


 
सौरभ स्वीकृत
 आज हर प्रेमी युगल अपने प्यार को हमेशा अपने साथ रखने का ख्वाहिशमंद होता है। हर कोई चाहता है कि महबूब के साथ गुजरे हर पल का लेखा-जोखा उसके पास हो ताकि तन्हाइयों में वह उन पलों को याद करके एक बार फिर उस सुखद अहसास की अनुभूति कर सके। आज हर दिल धड़क रहा है, प्यार के इज़हार के लिए, प्यार एक सुहाना अहसास है। साथ ही मन की सबसे प्रभावशाली प्रेरणा भी है। दुनिया में ऐसा कोई भी नहीं जो इस खुशनुमा एहसास से अछूता हो। प्यार के बारे में सदियों से बहुत कुछ लिखा पढ़ा और कहा जाता रहा है, लेकिन फिर भी प्यार एक अबूझ पहेली ही रहा है। तभी तो इसे समझ पाने में भूल हो जाती है। सिर्फ इसलिए, क्योंकि वास्तव में इसे शब्दों में बयां कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं। 14 फरवरी एक ऐसा दिन है, जो प्रेमियों के लिए सभी त्योहारों से भी बढ़कर है। इस दिन उनका जीवन अपने वेलेंटाइन के प्यार की सतरंगी रोशनी से जगमगा उठता है और हल्की मीठी सर्दी की तरह सुस्त पड़े जीवन में गुनगुनी धूप की तरह प्यार की दस्तक लेकर आता है। 
 प्यार वास्तव में किसी के प्रति त्याग और समर्पण की प्रवृत्ती है। प्रेम के कई रूप हैं, प्रेम में सत्य, निष्ठा, आस्था, भरोसा सब है, लेकिन लादा गया समझौता प्रेम नहीं है। इसमें किसी प्रकार की अपेक्षा और स्वार्थ नहीं रह जाता। प्यार तभी प्यार कहा जा सकता है जब उसमें पवित्रता, संवेदना, त्याग, गहराई, साधना, श्रद्धा, और विश्वसनीयता हो। प्यार को सच और झूठ के तराजू में भी नहीं तौला जा सकता। प्यार हमेशा झुकना सिखाता है। बुराई से लड़ने को प्रेरित करता है। सदा आगे बढ़ने का मार्ग दिखाता है। प्रेम का यह पर्व वेलेंटाइन डे महज प्रेम करने या फिर सिर्फ एक त्योहार की तरह मना लेने का ही अवसर नहीं है, बल्कि प्रेम को समझने का वाला दिन है। वेलेंटाइन-डे भले ही पश्चिम से आया है, जिसकी परिणिति में विरोध के स्वर निकल रहे हैं, लेकिन हम उस देश के वासी हैं, जहां राधा कृष्ण के अमर प्रेम की पूजा की जाती है। हां महज कुछ मिथ्यावादी और घटिया राजनीति से प्रेरित लोगों के कारण प्यार को ही पूरी तरह से नकारना या फिर उसे धर्म और संस्कृति के खिलाफ बताना भी उचित नहीं है।
 आज हमें वेलेंटाइन डे मनाने की जरूरत है क्योंकि आज हमारे समाज में प्रेम को गलत नजरिए से देखा जाता है। आज हमारे समाज में व्याप्त रूढ़ीवादी परंपराएं रोम के सम्राट क्लॉडियस की तानाशाह रवैये से कम नहीं है। संत वेलेंटाइन भले ही पाश्चात्य संस्कृति से रहे हो, लेकिन वे हमारे भी संत हो सकते हैं। यदि उनके संदेश हमारी जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। तो क्यों नहीं हम भी 14 फरवरी को प्रेम दिवस मनाएं। प्रेम करने की आजादी प्रत्येक स्त्री-पुरुष का नैसर्गिक  अधिकार है। लेकिन हमारे परंपरागत समाज में लड़के और लड़कियों के जीवन के हर फैसले को उसकी इच्छा या अनिच्छा जाने बगैर उस पर थोपे जाते है। वे सभी परिस्थितियां हमारे यहां भी मौजूद हैं जिनमें राजा की तो नहीं, पर परिवार और समाज की तानाशाही से युवा हृदयों की तमन्नाओं का गला घोंट दिया जाता है। धर्म और समाज मूलत: धरती पर जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए अस्तित्व में आये थे। इनके अस्तित्व का एक मुख्य कारण यह भी रहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी और समूह में रहना पसंद करता है। जिसे हम समाज कहते हैं, लेकिन हमारे समाज में बने नियम कानून आज की मौजूदा परिस्तिथियों में हमारे युवाओं की तमन्नाओं का गला घोंट रहे हैं। संत वेलेंटाइन की स्मृती में मनाया जाने वाले प्रेम दिवस एक ऐसा पर्व है। जिसके माध्यम से युवा धर्म और समाज के तानाशाह रवैये को तोड़ सकते हैं।

वेलेंटाइन डे पर पुरुष करते हैं ज्यादा खर्च
14 फरवरी को मनाये जाने वाले वेलेंटाइंस डे का सुरूर यूं तो हर किसी के सिर पर सवार रहता है, लेकिन जब सवाल इस दिन खर्च करने का हो, तो पुरुष महिलाओं से ज्यादा आगे रहते हैं। एक दिलचस्प अध्ययन में यह बात सामने आयी है। वेबसाइट 'गिफ्टईज डॉट कॉम' द्वारा कराये गये ऑनलाइन सर्वेक्षण में मेट्रोपोलिटन सिटी में रहने वाले 18-45 साल की उम्र के 3,000 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। इस अध्ययन में लगभग 68 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि वह कुछ अलग तरीके से वेलेंटाइन्स डे मनायेंगे। 37 प्रतिशत प्रतिभागियों का कहना था कि वे केवल अपने साथी के साथ ही वेलेंटाइंस डे मनायेंगे। 22 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने मित्रों के साथ इसे मनायेंगे। वहीं आठ प्रतिशत प्रतिभागियों का कहना था कि इस साल वे अपने पहले वेलेंटाइंस का इंतजार कर रहे हैं। वेलंटाइन डे महिलाओं के बीच भी उतना ही लोकप्रिय है, लेकिन जब सवाल जेब ढीली करने का हो तो वे पुरुषों से थोड़ा पीछे रहती हैं। सर्वेक्षण में सामने आया कि इस मौके पर उपहार देने के लिए औसतन पुरुष करीब 740 रुपये तक खर्च करने की योजना बनाते हैं, लेकिन औसतन महिलाएं केवल 670 रुपये ही खर्च करने की योजना बनाती हैं। 


आज हर दिल धड़क रहा है आज हर दिल धड़क रहा है Reviewed by saurabh swikrit on 4:56 am Rating: 5

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