आजसू की अनोखी राजनीति
सौरभ स्वीकृत
* युवाओं एवं महिलाओं को पार्टी से जोड़ा
* अन्य पार्टियों की तुलना में युवाओं को दिया सबसे ज्यादा मौका
* महिलाशसक्तिकरण पर दिया ध्यान
* राज्य की जनता के सबसे ज्यादा करीब
झारखंड की राजनीति मे एक अलग पहचान बानाने वाली आजसू पार्टी अपनी जमीनी राजनीति के कारण लोगों के दिलों में राज कर रही है। सुप्रीमों सुदेश महतो समेत इसके अन्य नेता एवं कार्यकर्ता लागातार लोगों के सर्पक कर रहे हैं। पीछले पांच सालों में शयद ही किसी पार्टी ने सूबे की हक की लड़ाई के लिए इतनी मेहपत की हो। चाहे सूबे को विशेष दर्जा दिलाने की बात हो या झाराख्ंड के विकास की। राज्य की राजनीति में युवाओं की भागेदारी बढ़ाने की बात हो या फिर राज्य के प्रतिभाओं को निखारने की। आजसू ने अपने हर कदम में युवाओं को शामिल किया है। बिना युवाओं के इस पार्टी का कार्यक्रम सफल नहीं होता। इसे सुदेश महतो की युवा वस्था का कारण कहे या इनके अंदर युवाओं के प्रति रूझान। कारण चाहे जो भी हो लेकिन इन्होने झाराख्ंड की राजनीति एवं राज्य के युवाओं को एक नयी दिशा दी है। राज्य में मंत्री रहते हुए इन्होने राज्य ग्रामीण इलाकों में छुपे प्रतिभाओं निखारने का काम किया खासकर खेल के क्षेत्र में। आज देश के क्रिकेट टीम का नेतृत्व कर रहे भारत के सबसे सफल कप्तान महेंन्द्र सिंह धोनी इसका प्रमुख उदाहरण है। धोनी ने 2005 में जब भारतीय टीम में कदम रखा था तक सुदेश राज्य के खेल मंत्री हुआ करते थे।
राज्य में जब आजसू, भाजपा एवं झामूमो की सरकार थी, उस वक्त सुदेश राज्य के उपमुख्यमंत्री थे। राज्य विकास के रास्ते में जा रही थी तभी मार्च 2013 में भाजपा और झामूमो के बीच 28-28 महिनें सत्ता के बंटवारे मामले में टकराव हुआ और झामुमों ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया। कांग्रेस,राजद, और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर झामुमो सत्ता हासिल करने में सफल रहा। वह भी एक समय था कि अगर आजसू झामुमो के साथ आता तो सरकार आसानी से बन सकती थी इसके लिए 6 महिने का वक्त नहीं लगता। आजसू ने दूबारा जोड़ तोड़ की राजनीति से दूर रहने का मन बना लिया था। पार्टी सुप्रीमो ने एक नयी शुरुआत करने की घोषण कर डाली और तब से आज तक लगातार पार्टी अलग अलग तरीके से जनता के बीच है और उससे जुड़ी हुयी है।
2 अप्रैल 2013 दिन रविवार को सुदेश महतो की आजसू पार्टी ने एक महिला पंचायत रखी, जिसे महिलाओं की आज तक की सबसे बड़ी रैली की संज्ञा दिया जा चुका है। रांची के मोराबादी मैदान में राज्य भर से बड़ी संख्या में आई महिलाएं इस रैली में शामिल हुई। सुदेश की महिलाओं पर केंद्रित राजनीति की यह एक अनोखा दूश्य था। उप-मुख्यमंत्री रहते हुए सुदेश ने महिला सशसक्तीकरण के कई कार्य किए। उन्होने महिला मतदाताओं को जोड़ने का काम बखुबी किया। मोराबादी मैदान में श्री महतो ने सूबे को लेकर अपनी संघर्ष को मां और माटी के लिए बताया था। उन्होने कहा था कि -यह चौंकाने वाली बात है कि हमारी महिलाएं दूसरे राज्यों में पलायन कर घरों में काम कर रही हैं। हमारा विकास काफी धीमी गति से हो रहा है। हमें सबसे पहले अपनी माताओं बहनों को सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन देने एवं इनके सशक्तीकरण के लिए जमीनी स्तर से काम करना होगा। इन्हें शिक्षित कर सम्मानजनक काम दिलाना होगा एवं पलायन रोकना होगा।ह्णह्ण
पंचायती राज मंत्री रहते हुए उन्होंने पंचायती राज संस्थानों में 50 फीसदी महिला आरक्षण लागू करया। ग्रामीण विकास मंत्रालय का पद उनके काफी काम आया। उन्होंने महिलाओं के सैकड़ों स्व-सहायता समूह गठित करने में मदद दी, उन्हें विभागीय परियोजनाए सौंपीं, समय-समय पर उन्हें आर्थिक मदद भी पहुंचायी और इन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए अनेक रूप से प्रेरित किया। खेल मंत्री रहते हुए सुदेश ने झारखंड के गांवों में महिलाओं के खेलों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया।
विशेष राज्य के लिए विशेष आंदोलन
13 सितंबर 2013 को राज्य के सभी 259 प्रखण्ड मुख्यालयों पर एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम आयोजित किया। एकदिवसीय उपवास के बाद रांची जिले के उपायुक्त के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा जिसमें सुदेश ने राज्य के पीछड़ा होने, लोगों की दयनीय स्थिती एवं राज्य की अन्य समस्याओं को दर्शाते हुए राष्ट्रपति से विशेष दर्जा की मांग की थी। एवं इसपर अविलंब कार्यवाई करने की अपील भी की थी।
2 आक्टूबर को सुदेश के नेतृत्व में झारखंड ने एक नए उलगुलान की। बरही से बहरागोड़ा, (343 किमी) राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 33) तक लंबी ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनाया। लाखों लोगों को सड़क पर उतारकर उनके अंदर राज्य को विशेष राज्य बनाने की मांग को लेकर हुकांर भराया। लोगों ने भी उत्साह दिखाते हुए पार्टी का साथ निभाया और लोकतंत्र एवं अपने हक की लड़ाई में अपनी भागीदारी सुनिश्चित किया।
विशेष राज्य की मांग को लेकर ही भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती एवं राज्य के स्थापना दिवस 15 नवम्बर को नई दिल्ली में स्थित जंतर-मंतर पर महाधरना का आयोजन किया। जिसमें पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो के नेतृत्व में पार्टी के सभी 6 विधायक एंव हजारों की संख्या में कार्यकर्ता इस महाधरना में भाग लिया। इसके बाद पार्टी ने 24 अधिकारी रथ निकालकर गांव में नुक्कड़-नाटक,सभा के द्वारा जन जागरण अभियान चलाया।
जनवरी 2014 में रन फॉर झारखण्ड का आयोजन
इस कार्यक्रम की शुरुआत 12 जनवरी को रांची से की गयी। मोरहाबादी मैदान से हरमू मैदान तक लगभग 6 किमी की दौड़ लगायी गयी। इस कार्यक्रम की शुरुआत में सबस पहले स्वामी विवेकानन्द जी को श्रद्धांजली अर्पित और गुब्बारे उड़ा कर की गई। यहां पर सुदेश महतो ने युवाओं को राज्यहित में यह शपथ भी कराया था कि- हम ऐसे समाज की स्थापना के लिए काम करेंगे जिसमें सबकी बेहतरी के लिए समान अवसर उपलब्ध हों। कोई भूखा न रहे, सबको शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाऐं नसीब हो। जहां हर किसी को अधिकार से ज्यादा अपने कर्त्तव्य की याद रहे। राज्य की प्रगति के लिए राष्ट्रीयता की भावना से सामुदायिक विकास के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।
इसके बाद एक-एक कर हरेक जिले में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सभी जिलों में हजारो युवाओं एवं नामी गिरामी हस्तीयों ने भी भाग लिया। 19 जनवरी को जमशेदपुर में झारखंड के युवाओं को बेहत्तर नेतृत्व देने के एक प्रयास की मुहिम में हिप-हिप हुर्रे क्लब द्वारा एक कार्यक्रर्म का आयोजन किया गया। जिसमें अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया व केसी मुर्मू सहित कई महिला प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिती दर्ज करायी।
19 जनवरी 2014 को पूरे राज्य में अधिकार के लिए हल्ला बोल कार्यक्रम
अधिकार के लिए आजसू पार्टी ने राज्य की सभी 259 प्रखंडों में हल्ला बोला। आजसू पार्टी का राज्यस्तरीय आंदोलन अधिकार के लिए हल्ला बोल में बड़ी संख्या में पार्टी के नेता, कार्यकर्ता एवं समर्थकों ने भाग लिया और अपने अधिकार के लिए आवाज बुलंद किए। हल्ला बोलने के बाद राज्यपाल के नाम बीडीओ को ज्ञापन सौंपने का काम किया गया। पार्टी राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लागू करने, सेवा का अधिकार का अनुपालन सुनिश्चित करने, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का शत् प्रतिशत लागू करने, और पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार देने जैसे मुद्दों को लेकर प्रखंड मुख्यालयों को घेरा था।
चार राज्यों की 24 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय
आजसू पार्टी की ओर से सोलहवीं लोकसभा चुनाव में चार राज्यों की 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी हो चूकी है। सिटों की संख्या में 14 सीट झारखंड से, 4 बंगाल से-बांकुड़ा, पुरूलिया, झाड़ग्राम एवं मिदनापुर, 4 उड़ीसा से- मयूरभंज, क्योझर, संबलपुर एवं सुंदरगढ़ और 2 छत्तीसगढ़ से -रायगढ़ एवं सरगुजा शामिल है। तीन राज्यों में प्रभारी भी बना दिए गए हैं। डा. देवशरण भगत एवं अरूण साहु को छत्तीसगढ़़, सागेन हांसदा एवं स्वप्न सिंह देव को उडीसा और रोड़या सोरेन एवं सुनिल सिंह को बंगाल की कमान सौंपी गयी है।
दूसरों के गढ़ में लगाये सेंध
सुदेश महतो द्वारा चलाये जा रहे जनहित अभियान का असर दिखने लगा है। आम जनता के साथ- साथ दूसरे पार्टी के दिग्गज नेता एवं कार्यकर्ता आजसू में शामिल हो रहे हैं। पार्टी ने सबसे बड़ी सेंध भाजपा का गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र हजारीबाग में मारी है। यहां इसने भाजपा के दो पूर्व विधायक लोकनाथ महतो और देवदयाल कुशवाहा को अपने साथ कर सबसे होश उडा दिए हैं। इस लोकसभा सीट से आजसू भाजपा को कड़ी चुनौती देने की तैयारी में है। कुछ विश्वानीय सुत्र की माने तो लोकनाथ महतो को संसदीय चुनाव में उतारने की तैयारी में है। देवदयाल को बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में जोर दिया जायेगा। इस सीट पर पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के छोटे भाई रोशन चौधरी दावं लगाते रहे हैं।
पीछली लोकसभा चुनाव में आजसू ने अपने 6 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे लेकिन किसी को जीत नहीं मिली थी। इस बार आजसू का पल्ला भारी है। पार्टी प्रमुख ज्यादातर सीट अपने कब्जे में करने का दावा कर रहे हैं। पार्टी के नेता संसद में जाने को आतुर दिख रहें हैं। इसके लिए पूरी जोश खरोश के साथ अपने अभियान में जूट गए हैं।
* युवाओं एवं महिलाओं को पार्टी से जोड़ा
* अन्य पार्टियों की तुलना में युवाओं को दिया सबसे ज्यादा मौका
* महिलाशसक्तिकरण पर दिया ध्यान
* राज्य की जनता के सबसे ज्यादा करीब
झारखंड की राजनीति मे एक अलग पहचान बानाने वाली आजसू पार्टी अपनी जमीनी राजनीति के कारण लोगों के दिलों में राज कर रही है। सुप्रीमों सुदेश महतो समेत इसके अन्य नेता एवं कार्यकर्ता लागातार लोगों के सर्पक कर रहे हैं। पीछले पांच सालों में शयद ही किसी पार्टी ने सूबे की हक की लड़ाई के लिए इतनी मेहपत की हो। चाहे सूबे को विशेष दर्जा दिलाने की बात हो या झाराख्ंड के विकास की। राज्य की राजनीति में युवाओं की भागेदारी बढ़ाने की बात हो या फिर राज्य के प्रतिभाओं को निखारने की। आजसू ने अपने हर कदम में युवाओं को शामिल किया है। बिना युवाओं के इस पार्टी का कार्यक्रम सफल नहीं होता। इसे सुदेश महतो की युवा वस्था का कारण कहे या इनके अंदर युवाओं के प्रति रूझान। कारण चाहे जो भी हो लेकिन इन्होने झाराख्ंड की राजनीति एवं राज्य के युवाओं को एक नयी दिशा दी है। राज्य में मंत्री रहते हुए इन्होने राज्य ग्रामीण इलाकों में छुपे प्रतिभाओं निखारने का काम किया खासकर खेल के क्षेत्र में। आज देश के क्रिकेट टीम का नेतृत्व कर रहे भारत के सबसे सफल कप्तान महेंन्द्र सिंह धोनी इसका प्रमुख उदाहरण है। धोनी ने 2005 में जब भारतीय टीम में कदम रखा था तक सुदेश राज्य के खेल मंत्री हुआ करते थे।
राज्य में जब आजसू, भाजपा एवं झामूमो की सरकार थी, उस वक्त सुदेश राज्य के उपमुख्यमंत्री थे। राज्य विकास के रास्ते में जा रही थी तभी मार्च 2013 में भाजपा और झामूमो के बीच 28-28 महिनें सत्ता के बंटवारे मामले में टकराव हुआ और झामुमों ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया। कांग्रेस,राजद, और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर झामुमो सत्ता हासिल करने में सफल रहा। वह भी एक समय था कि अगर आजसू झामुमो के साथ आता तो सरकार आसानी से बन सकती थी इसके लिए 6 महिने का वक्त नहीं लगता। आजसू ने दूबारा जोड़ तोड़ की राजनीति से दूर रहने का मन बना लिया था। पार्टी सुप्रीमो ने एक नयी शुरुआत करने की घोषण कर डाली और तब से आज तक लगातार पार्टी अलग अलग तरीके से जनता के बीच है और उससे जुड़ी हुयी है।
2 अप्रैल 2013 दिन रविवार को सुदेश महतो की आजसू पार्टी ने एक महिला पंचायत रखी, जिसे महिलाओं की आज तक की सबसे बड़ी रैली की संज्ञा दिया जा चुका है। रांची के मोराबादी मैदान में राज्य भर से बड़ी संख्या में आई महिलाएं इस रैली में शामिल हुई। सुदेश की महिलाओं पर केंद्रित राजनीति की यह एक अनोखा दूश्य था। उप-मुख्यमंत्री रहते हुए सुदेश ने महिला सशसक्तीकरण के कई कार्य किए। उन्होने महिला मतदाताओं को जोड़ने का काम बखुबी किया। मोराबादी मैदान में श्री महतो ने सूबे को लेकर अपनी संघर्ष को मां और माटी के लिए बताया था। उन्होने कहा था कि -यह चौंकाने वाली बात है कि हमारी महिलाएं दूसरे राज्यों में पलायन कर घरों में काम कर रही हैं। हमारा विकास काफी धीमी गति से हो रहा है। हमें सबसे पहले अपनी माताओं बहनों को सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन देने एवं इनके सशक्तीकरण के लिए जमीनी स्तर से काम करना होगा। इन्हें शिक्षित कर सम्मानजनक काम दिलाना होगा एवं पलायन रोकना होगा।ह्णह्ण
पंचायती राज मंत्री रहते हुए उन्होंने पंचायती राज संस्थानों में 50 फीसदी महिला आरक्षण लागू करया। ग्रामीण विकास मंत्रालय का पद उनके काफी काम आया। उन्होंने महिलाओं के सैकड़ों स्व-सहायता समूह गठित करने में मदद दी, उन्हें विभागीय परियोजनाए सौंपीं, समय-समय पर उन्हें आर्थिक मदद भी पहुंचायी और इन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए अनेक रूप से प्रेरित किया। खेल मंत्री रहते हुए सुदेश ने झारखंड के गांवों में महिलाओं के खेलों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया।
विशेष राज्य के लिए विशेष आंदोलन
13 सितंबर 2013 को राज्य के सभी 259 प्रखण्ड मुख्यालयों पर एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम आयोजित किया। एकदिवसीय उपवास के बाद रांची जिले के उपायुक्त के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा जिसमें सुदेश ने राज्य के पीछड़ा होने, लोगों की दयनीय स्थिती एवं राज्य की अन्य समस्याओं को दर्शाते हुए राष्ट्रपति से विशेष दर्जा की मांग की थी। एवं इसपर अविलंब कार्यवाई करने की अपील भी की थी।
2 आक्टूबर को सुदेश के नेतृत्व में झारखंड ने एक नए उलगुलान की। बरही से बहरागोड़ा, (343 किमी) राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 33) तक लंबी ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनाया। लाखों लोगों को सड़क पर उतारकर उनके अंदर राज्य को विशेष राज्य बनाने की मांग को लेकर हुकांर भराया। लोगों ने भी उत्साह दिखाते हुए पार्टी का साथ निभाया और लोकतंत्र एवं अपने हक की लड़ाई में अपनी भागीदारी सुनिश्चित किया।
विशेष राज्य की मांग को लेकर ही भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती एवं राज्य के स्थापना दिवस 15 नवम्बर को नई दिल्ली में स्थित जंतर-मंतर पर महाधरना का आयोजन किया। जिसमें पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो के नेतृत्व में पार्टी के सभी 6 विधायक एंव हजारों की संख्या में कार्यकर्ता इस महाधरना में भाग लिया। इसके बाद पार्टी ने 24 अधिकारी रथ निकालकर गांव में नुक्कड़-नाटक,सभा के द्वारा जन जागरण अभियान चलाया।
जनवरी 2014 में रन फॉर झारखण्ड का आयोजन
इस कार्यक्रम की शुरुआत 12 जनवरी को रांची से की गयी। मोरहाबादी मैदान से हरमू मैदान तक लगभग 6 किमी की दौड़ लगायी गयी। इस कार्यक्रम की शुरुआत में सबस पहले स्वामी विवेकानन्द जी को श्रद्धांजली अर्पित और गुब्बारे उड़ा कर की गई। यहां पर सुदेश महतो ने युवाओं को राज्यहित में यह शपथ भी कराया था कि- हम ऐसे समाज की स्थापना के लिए काम करेंगे जिसमें सबकी बेहतरी के लिए समान अवसर उपलब्ध हों। कोई भूखा न रहे, सबको शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाऐं नसीब हो। जहां हर किसी को अधिकार से ज्यादा अपने कर्त्तव्य की याद रहे। राज्य की प्रगति के लिए राष्ट्रीयता की भावना से सामुदायिक विकास के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।
इसके बाद एक-एक कर हरेक जिले में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सभी जिलों में हजारो युवाओं एवं नामी गिरामी हस्तीयों ने भी भाग लिया। 19 जनवरी को जमशेदपुर में झारखंड के युवाओं को बेहत्तर नेतृत्व देने के एक प्रयास की मुहिम में हिप-हिप हुर्रे क्लब द्वारा एक कार्यक्रर्म का आयोजन किया गया। जिसमें अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया व केसी मुर्मू सहित कई महिला प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिती दर्ज करायी।
19 जनवरी 2014 को पूरे राज्य में अधिकार के लिए हल्ला बोल कार्यक्रम
अधिकार के लिए आजसू पार्टी ने राज्य की सभी 259 प्रखंडों में हल्ला बोला। आजसू पार्टी का राज्यस्तरीय आंदोलन अधिकार के लिए हल्ला बोल में बड़ी संख्या में पार्टी के नेता, कार्यकर्ता एवं समर्थकों ने भाग लिया और अपने अधिकार के लिए आवाज बुलंद किए। हल्ला बोलने के बाद राज्यपाल के नाम बीडीओ को ज्ञापन सौंपने का काम किया गया। पार्टी राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लागू करने, सेवा का अधिकार का अनुपालन सुनिश्चित करने, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का शत् प्रतिशत लागू करने, और पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार देने जैसे मुद्दों को लेकर प्रखंड मुख्यालयों को घेरा था।
चार राज्यों की 24 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय
आजसू पार्टी की ओर से सोलहवीं लोकसभा चुनाव में चार राज्यों की 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी हो चूकी है। सिटों की संख्या में 14 सीट झारखंड से, 4 बंगाल से-बांकुड़ा, पुरूलिया, झाड़ग्राम एवं मिदनापुर, 4 उड़ीसा से- मयूरभंज, क्योझर, संबलपुर एवं सुंदरगढ़ और 2 छत्तीसगढ़ से -रायगढ़ एवं सरगुजा शामिल है। तीन राज्यों में प्रभारी भी बना दिए गए हैं। डा. देवशरण भगत एवं अरूण साहु को छत्तीसगढ़़, सागेन हांसदा एवं स्वप्न सिंह देव को उडीसा और रोड़या सोरेन एवं सुनिल सिंह को बंगाल की कमान सौंपी गयी है।
दूसरों के गढ़ में लगाये सेंध
सुदेश महतो द्वारा चलाये जा रहे जनहित अभियान का असर दिखने लगा है। आम जनता के साथ- साथ दूसरे पार्टी के दिग्गज नेता एवं कार्यकर्ता आजसू में शामिल हो रहे हैं। पार्टी ने सबसे बड़ी सेंध भाजपा का गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र हजारीबाग में मारी है। यहां इसने भाजपा के दो पूर्व विधायक लोकनाथ महतो और देवदयाल कुशवाहा को अपने साथ कर सबसे होश उडा दिए हैं। इस लोकसभा सीट से आजसू भाजपा को कड़ी चुनौती देने की तैयारी में है। कुछ विश्वानीय सुत्र की माने तो लोकनाथ महतो को संसदीय चुनाव में उतारने की तैयारी में है। देवदयाल को बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में जोर दिया जायेगा। इस सीट पर पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के छोटे भाई रोशन चौधरी दावं लगाते रहे हैं।
पीछली लोकसभा चुनाव में आजसू ने अपने 6 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे लेकिन किसी को जीत नहीं मिली थी। इस बार आजसू का पल्ला भारी है। पार्टी प्रमुख ज्यादातर सीट अपने कब्जे में करने का दावा कर रहे हैं। पार्टी के नेता संसद में जाने को आतुर दिख रहें हैं। इसके लिए पूरी जोश खरोश के साथ अपने अभियान में जूट गए हैं।
आजसू की अनोखी राजनीति
Reviewed by saurabh swikrit
on
6:04 am
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