वैश्विक विकास गढ़ता राष्ट्रमंडल


क्या है राष्ट्रमंडल
राष्ट्रमंडल उन देशों का समूह है, जो किसी न किसी रूप में कभी ब्रिटेन से जुड़े रहे हैं। इन देशों पर औपनिवेशिक काल के दौरान ब्रितानी शासन था और बाद में ये देश स्वतंत्र हो गये। राष्ट्रमंडल के सभी 53 सदस्यों ने लोकतंत्र, लैंगिक समानता, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

इतिहास
राष्ट्रमंडल की स्थापना 24 मई 1949 में की गयी थी और तब उसमें आठ देश शामिल थे। ये संख्या अब बढ़कर 53 हो गयी है और ये देश विश्व की एक तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं।   ग्लासगो में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल में कुल 71 देशों और क्षेत्रों की टीमें हिस्सा ले रही हैं।

राष्ट्रमंडल के देश
अफ्रीका: बोत्सवाना, कैमरून, घाना, कीनिया, लेसोथो, मलावी, मॉरिशस, मोजाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, रवांडा, सेशेल्स, सियरा लियोन, दक्षिण अफ्रीका, स्वाजीलैंड, तंजानिया, द गांबिया, युगांडा और जाम्बिया।
अमरीकी देश: बेलिज़, बरमूडा, कनाडा, फॉकलैंड द्वीप समूह, गुया ना और सेंट हेलेना।

एशिया: बांग्लादेश, ब्रुनेई दारुस्सलम, भारत, मलेशिया, मालदीव, पाकिस्तान, सिंगापुर और श्रीलंका।

कैरेबियाई देश: एंगुइला, एंटिगुआ और बरबुडा, बहमास, बारबाडोस, ब्रितानी र्विजन द्वीप समूह, केमेन द्वीप समूह, डोमिनिका, ग्रेनेडा, जमैका, मोंसेरात, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लुसिया, सेंट विंसेट, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और टर्क्स एंड कैकॉस द्वीप।

यूरोप: साइप्रस, इंग्लैंड, जिब्राल्टर, गुएर्नसे, आइल ऑफ मैन, जर्सी, माल्टा, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स।

ओशीनिया: ऑस्ट्रेलिया, कुक द्वीप समूह, किरिबाती, नौरू, न्यूजीलैंड, नियू, नॉरफॉक आइलैंड, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमॉन द्वीप समूह, टोंगा, टुवालू और वैनुआतु।

आंकड़ो में राष्ट्रमंडल
सदस्य: 53 देश, दुनिया के 27 फीसदी देश
अबादी:2.2 करोड़, दुनिया के अबादी का 33 प्रतिशत
अर्थव्यवस्था: 10 खरब डीजीपी, दुनिया वैश्विक अर्थव्यवस्था का 14 प्रतिशत
क्षेत्रफल: 3.1 करोड़ वर्ग किमी., दुनिया के क्षेत्रफल का 21 प्रतिशत
सबसे बड़ा देश: भारत, अबादी-1.2 अरब
सबसे छोटा देश- नौरू, 10.000

 2015 के राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन 
दक्षिण यूरोपीय देश माल्टा के चोगम शहर को सर्वसम्मति से वर्ष 2015 के राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का मेजबान चुना गया। यह निर्वाचन 22वें राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन (2013) के दौरान श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 17 नवंबर 2013 को की गयी थी। राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के प्रथम सम्मेलन का आयोजन वर्ष 1971 सिंगापुर में किया गया था। जबकि राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के 7वें सम्मेलन का आयोजन वर्ष 1983 में भारत में किया गया था। नाइजीरिया के राष्ट्रपति आलुसेगन ओबासांजू ने  वर्ष 2013 के राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन (22वें) के समापन अवसर पर यह घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि 2017 की चोगम की मेजबानी युगांडा को सौंपी गयी है। वर्ष 2015 की चोगम को आयोजित करने की पेशकश माल्टा एवं युगांडा दोनों से की गयी थी। लेकिन युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी ने माल्टा के पक्ष में अपना दावा अगले आयोजन तक के लिए टालने पर सहमति जता दी।
 
माल्टा  
माल्टा यूरोपीय महाद्वीप में स्थित एक विकसित द्वीप देश है। इसकी राजधानी वलेत्ता है। इसकी मुद्रा यूरो है। इसकी मुख्य और राजभाषा माल्टाई और अंग्रेजी भाषा हैं।

राष्ट्रमंडल खेल
राष्ट्रमण्डल खेल, ब्रिटिश राष्ट्रमंडल देशों के अन्तर्गत आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिता है। 19वें राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भारत को सौंपी गयी। इससे पहले भारत 1982 में एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका था। भारत में हुए 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 71 देशों ने भाग लिया था। 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी ग्लासगो (स्कॉटलैंड और ब्रिटेन) को मिला।

इतिहास
रिवरेंड एश्ले कूपर नाम के अंग्रेज अधिकारी ने ब्रिटिश हुकूमत वाले देशों में खेलों के एक महा आयोजन का विचार दिया था। उनका मानना था कि इससे इन देशों में खेल की भावना बढ़ेगी साथ ही लोगों के मन में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति अच्छी भावना आयेगी।  इसके बाद 1928 में कनाडियाई मूल के एथीलिट 'बॉबी रॉबिनसन' को पहले राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। यह खेल 1930 में ओंटारियो के हैमिलटन शहर में आयोजित किए गये थे, जिसमें 11 देशों के 400 एथीलिटों ने हिस्सा लिया था। कनाडा इन खेलों का गवाह बना था।  इसके बाद हर चौथे वर्ष राष्ट्रकुल खेलों का आयोजन किया जाने लगा था। सिर्फ दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इनका आयोजन नहीं किया जा सका था। इन खेलों को कई नामों से जाना जाता था, जैसे- ब्रिटिश साम्राज्य खेल, मित्रता खेल तथा ब्रिटिश राष्ट्रकुल खेल।
                                                      1978 से इन खेलों को राष्ट्रकुल खेलों का स्थायी नाम दिया गया। 1998 में मलेशिया के कुआलालंमपुर में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में क्रिकेट, हॉकी तथा नेटबॉल जैसे अन्य प्रसिद्ध खेलों को भी इसमें पहली बार शामिल किया गया था। 2001 से राष्ट्रकुल खेलों में मानवता, समानता तथा भाग्य को मूलमंत्र बना लिया गया। इन मूल्यों के आधार पर इन खेलों से हजारों लोगों को जोड़ने तथा इसे राष्ट्रमंडल के भीतर ही आयोजित करने के लिए व्यापक जनादेश चलाया गया।

राष्ट्रमंडल को बेटन रिले की सौगात दी थी 1958 खेलों ने
 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करने वाले सबसे छोटे देश वेल्स ने 1958 में इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के आयोजन से पूर्व राष्ट्रमंडल देशों को क्वीन्स बेटन रिले की सौगात दी थी। ब्रिटिश एंपायर और राष्ट्रमंडल खेलों के नाम से वेल्स के कार्डिफ ने जब 18 से 26 जुलाई 1958 तक छठे राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की तो पहली बार इससे पूर्व क्वीन्स बेटन रिले का आयोजन किया गया जो अब राष्ट्रमंडल खेलों का अभिन्न हिस्सा है। बेटन में राष्ट्रमंडल प्रमुख का संदेश होता है। जो फिलहाल क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय हैं। यह रिले राष्ट्रमंडल दिवस के समारोह के तौर पर पारंपरिक रूप से लंदन के बकिंघम पैलेस से शुरू होती है। रानी इसके बाद बेटन पहले रिले धावक को सौंपती है जबकि खेलों के उद्घाटन समारोह में आखिरी धावक इसे रानी या उसे प्रतिनिधि को सौंपता है जो संदेश पढ़कर खेलों की आधिकारिक शुरूआत करता है। बेटन रिले का आयोजन  1994 तक केवल इंग्लैंड और मेजबान देश में ही होता था लेकिन मलयेशिया के कुआलालम्पुर में 1998 राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व पहली बार बेटन ने अन्य राष्ट्रमंडल देशों का भी दौरा किया। इसके अलावा रंगभेद के कारण राष्ट्रमंडल से बाहर होने से पहले दक्षिण अफ्रीका ने अंतिम बार 1958 में ही इन खेलों में शिरकत की थी। इसके बाद वह 1961 में 30 साल के लिए राष्ट्रमंडल से हट गया और फिर उसने 1994 में दोबारा इन खेलों में वापसी की।

19वें राष्ट्रमंडल खेल भारत में
3 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2010 को आयोजित हुए 19वें राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भारत की नयी दिल्ली में हुआ। विभिन्न खेलों के लिए आयोजित किया जाने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था। भारत पूरे तीन दशकों बाद ऐसे किसी आयोजन का मेजबान बना। इससे पहले भारत 1982 में एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका था। खेलों का शुभारंभ दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में हुआ। क्वींस बैटन रिले दिल्ली 2010 की शुरुआत 29 अक्टूबर 2009 में लंदन में हुई थी, जब भारत के ओलिंपिक  स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा को यह बैटन दी गयी थी। यह रिले 340 दिनों में अपना सफर पूरा करके नयी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान बैटन ने दुनिया के एक तिहाई देशों से होते हुए 190,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की। यह मैराथन 240 दिनों में 70 देशों से होते हुए भारत पहुंचा और यहां पर यह पूरे 100 दिनों तक देश के सभी राज्यों की राजधानी तथा केंद्र शासित राज्यों से होते हुए अंतत: आयोजन स्थल दिल्ली पहुंचा ।

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रदर्शन
भारत के लिए 2002 के राष्ट्रमंडल खेल सबसे कामयाब रहा है। 2002 में मैनचेस्टर में भारतीय एथलीटों ने अपना जलवा दिखाया और कुल मिलाकर 69 पदक अपनी झोली में डाले। भारत ने 30 स्वर्ण 22 रजत और 17 कांस्य पदक जीते। अंक तालिका में भारत चौथे स्थान पर रहा। 1990 में भारतीय दल मजबूत बनकर उभरा जब उसने 13 स्वर्ण समेत 32 पदक जीते थे। लेकिन 1994 खास अच्छा नहीं रहा और भारत के हिस्से में सिर्फ 24 पदक ही आ सके। भारत ने अब तक 18 में से 14 संस्करणों में हिस्सा लिया और कुल 102 स्वर्ण पदक जीते हैं।

पहला स्वर्ण
उड़न सिख मिल्खा सिंह ने भारत को राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। उन्होंने 1958 में कार्डिफ में हुए खेलों में 400 मीटर की दौड़ में गोल्ड जीता था। हालांकि इन खेलों में पहले पदक का रिकार्ड रशीद अनवर के नाम पर दर्ज है, जिन्होंने 1934 में लंदन में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था। अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का यह अकेला पदक था।

सबसे आगे समरेश जंग
शूटर समरेश जंग ने राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे ज्यादा पांच पदक जीते हैं। 2006 के मेलबर्न गेम्स में समरेश ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं के अलावा जसपाल राणा और गगन नारंग के साथ टीम स्पर्धा के स्वर्ण पर भी निशाना साधा। उन्होंने एक रजत और एक कांस्य पदक भी जीता। किसी भी शूटर के नाम पर यह एक रिकॉर्ड है।









वैश्विक विकास गढ़ता राष्ट्रमंडल वैश्विक विकास गढ़ता राष्ट्रमंडल Reviewed by saurabh swikrit on 6:23 am Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.